. कबूतर और शिकारी की कहानी । inspirational story of hunter and a dove in Hindi - Sab Achha

कबूतर और शिकारी की कहानी । inspirational story of hunter and a dove in Hindi


Hello friends , आज हम आपके सामने  एक छोटी सी story पेश करने जा रहा हु , मुझे यकीन है की आपको ये कहानी जरूर पसंद आएगी।  तो चलिए Friends शुरू करते  है आज की Inspirational story ..




inspirational-story

एक बार एक शिकारी शिकार करने के लिए जंगल में निकला , सुबह से  शाम होने वाली थी लेकिन उस्सने अभी तक कोई शिकार नहीं किया था।  अचानक उसने एक कबूतर पेड़ पर बैठा दिखा...और मन ही मन बोला की ये कबूतर ही मेरी भूख शांत करेगा नहीं तो आज बिना खाये ही सोना पड़ेगा।  उसने बड़े ही सावधानी से जाल बिछाया और थोड़ी ही देर में कबूतर फस गया।  कबूतर फसते  ही शिकारी बहुत ही खुस हो गया।


शिकारीने  कबूतर को  बड़ी सावधानी से निकल कर अपने साथ  जाने लगा।  रास्ते में  चालक कबूतरने  को कुछ  सुजा उसने शिकारी से पूछा -तुम मुझे कहा और क्यों लेकर जा रहे हो।


शिकारी बोला - में तुम्हे अपने घर ले जा रहा हु और तुम्हे पका कर खाऊंगा, बड़ा मज़ा आएगा।  शिकारी की बात सुनकर कबूतर चुप हो गया और शिकारी से कहा की " मेरे जीवन अब समाप्त होने वाला है , क्या तुम मेरी आखरी इच्छा पूरी कर सकते हो ?"


शिकारी  बोला -ठीक है , तुम अभी मरने वाली हो तो तुम्हारी आखरी इच्छा भी पूरी कर देता हु।


कबूतर बोला  - मेरी माँ ने मरने से पहले मुझे दो बाते बताई थी , मेरे  मरने से पहले वो बात बता दू शायद तुमको कुछ काम आ जाये।  पहली बात ये थी की किसी के भी बात पर बिना सोचे समजे विश्वाश नहीं करना चाहिए और दूसरी बात ये की कुछ बुरा होने या छूट जाने पर पर अफसोस नहीं करना चाहिए। 


कबूतर की बात को अनसुना करके शिकारी आगे चलने लगता है।  शिकारी  के कुछ आगे जाने के बाद कबूतर फिर से बोला  की - मेरे पास हीरे की अंगूठी है , वो तुम्हे दे दू तो तुम मुझे आज़ाद कर दोगे क्या ??  हीरे  का नाम सुनकर ही शिकारी के मन में लालच आ गया और उसने कहा की में तुम्हे आज़ाद कर दूंगा।  तुम मुझे जल्द से वो हीरे की अंगूठी ला के दो।


कबूतर आज़ाद होते ही पेड़ की डाली में जाकर बैठ गया और बोला " अरे ओ मुर्ख शिकारी मेरे पास कोई हीरे की अंगूठी नहीं है ". मेरी माँ ने कहा था की किसी के भी बात पर बिना सोचे समजे विश्वाश नहीं करना चाहिए। तभी शिकारी को समझ आया की कबूतर की माँ ने सही कहा था  और उदास होकर चलने लगा तो कबूतर ने  फिर से बोला की मेरी माँ ने ये भी कहा था की कुछ बुरा होने या छूट जाने पर पर अफसोस नहीं करना चाहिए। 


moral :-इस कहानी से हमें ये सिख मिलती है की हमें किसी भी अनजान इंसान की बात पे बिना सोचे समझे विश्वास नहीं करना चाहिए और दूसरी बात कुछ बुरा या गलत हो जाये तो दुखी नहीं होना चाहिए। ... क्यों की जो होता है वो अच्छे के लिए ही होता है।


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