भगवान श्रीकृष्ण कितने साल तक जीवित रहे? – गहराई से विश्लेषण
परिचय
भगवान श्रीकृष्ण हिंदू धर्म के सबसे पूजनीय देवताओं में से एक हैं। वे केवल एक अवतार ही नहीं बल्कि योगेश्वर, महायोद्धा, राजनीतिज्ञ, दार्शनिक और मानवता के महान मार्गदर्शक भी थे। उनके जीवन की हर घटना दिव्य लीला से भरी हुई थी।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान श्रीकृष्ण कितने वर्षों तक जीवित रहे? उनके जन्म से लेकर महाप्रयाण तक की पूरी जानकारी इस लेख में विस्तार से मिलेगी।
यदि आप श्रीकृष्ण के जीवन, उनकी शिक्षाओं और उनके महाप्रयाण की सटीक जानकारी चाहते हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
1. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म और जीवनकाल
श्रीकृष्ण का जन्म (Birth of Krishna)
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में मथुरा में हुआ था।
✔️ जन्म स्थान: मथुरा (कंस के कारागार में)
✔️ जन्म तिथि: भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी (जन्माष्टमी)
✔️ जन्म समय: मध्यरात्रि
✔️ माता-पिता: देवकी (माता) और वसुदेव (पिता)
क्यों हुआ श्रीकृष्ण का अवतार?
भविष्यवाणी के अनुसार, देवकी के आठवें पुत्र के हाथों राजा कंस का वध निश्चित था। इसलिए कंस ने देवकी और वसुदेव को जेल में डाल दिया और उनके सभी बच्चों को मार दिया। लेकिन भगवान विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लिया और कंस का अंत किया।
2. श्रीकृष्ण के जीवन की प्रमुख घटनाएँ
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन बहुत सारी अद्भुत लीलाओं और महत्वपूर्ण घटनाओं से भरा हुआ था।
श्रीकृष्ण की कुल आयु कितनी थी?
भगवान श्रीकृष्ण 125 वर्ष तक जीवित रहे और उन्होंने मानवता के कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
3. श्रीकृष्ण की मृत्यु कैसे हुई? (How Did Lord Krishna Die?)
महाभारत युद्ध के बाद क्या हुआ?
➡️ महाभारत युद्ध के बाद, श्रीकृष्ण ने युद्ध के विनाशकारी परिणाम देखे।
➡️ यदुवंशी आपस में लड़कर नष्ट हो गए।
➡️ कृष्ण जी ने प्रभास क्षेत्र में ध्यान करने का निर्णय लिया।
जरा शिकारी की कथा
भगवान श्रीकृष्ण ध्यान में लीन थे। उसी समय, एक शिकारी जरा ने उन्हें हिरण समझकर तीर मार दिया। तीर उनके पैर में लगा।
➡️ जरा को जब एहसास हुआ कि उसने भगवान कृष्ण को तीर मारा है, तो वह माफी मांगने लगा।
➡️ श्रीकृष्ण ने कहा, "यह सब पूर्वनिर्धारित था। तुम्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।"
➡️ इसके बाद, श्रीकृष्ण ने अपने भौतिक शरीर का त्याग कर दिया और परमधाम चले गए।
क्या भगवान श्रीकृष्ण सच में मरे थे?
नहीं, श्रीकृष्ण कभी मरते नहीं हैं। वे केवल अपने मानव रूप को छोड़ते हैं और अपने धाम में लौट जाते हैं।
4. श्रीकृष्ण का योगदान और शिक्षाएँ
भगवान श्रीकृष्ण ने हिंदू धर्म और मानवता के लिए कई महत्वपूर्ण उपदेश दिए, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण श्रीमद्भगवद गीता है।
श्रीमद्भगवद गीता की प्रमुख शिक्षाएँ
✅ कर्मयोग: "कर्म करो, फल की चिंता मत करो।"
✅ भक्तियोग: "ईश्वर की भक्ति ही मुक्ति का मार्ग है।"
✅ ज्ञानयोग: "अज्ञानता ही सबसे बड़ा शत्रु है।"
✅ अहिंसा और धर्म: "धर्म की रक्षा के लिए अधर्म का नाश आवश्यक है।"
दूसरा अन्य स्त्रोत के हिसाब से,
भगवान श्री कृष्ण का जन्म 17/18 जून 3229 ईसा पूर्व यानि श्रावण कृष्ण अष्टमी (वैदिक पंचमगम) को द्वापर युग के अंत में हुआ था और वे पृथ्वी पर 126 वर्ष, 8 महीने तक रहे।
श्री कृष्ण की जन्म तिथि और जन्म समय - 18 जून 3229 ईसा पूर्व, मध्य रात्रि।
भगवान कृष्ण अष्टमी की मध्य रात्रि को अपने मूल रूप में प्रकट हुए (अष्टमी 17 जून की शाम को समाप्त हुई और नौवीं लेकिन रोहिणी नक्षत्र थी) माता देवकी के हृदय से दिव्य तेज निकल रहा था ताकि उनके पिता और माता जान सकें कि उनका पुत्र एक दिव्य बालक है।
पद्म पुराण (पृष्ठ 2112-2125)
भगवान श्री कृष्ण के पदचिह्नों का वर्णन करता है।
👀विभिन्न स्थानों पर श्री कृष्ण का जीवन।
👉कृष्ण ने अपना जीवन 3 मुख्य भागों में बिताया:
👉व्रज लीला - 11 वर्ष 6 महीने (वृंदावन में एक बच्चे के रूप में)
👉मथुरा लीला - 10 वर्ष 6 महीने (अपने मामा कंस को मारने के बाद एक किशोर के रूप में)
द्वारका लीला - 105 वर्ष 3 महीने (द्वारका में राज्य स्थापित करने के बाद)
व्रज लीला के दौरान कृष्ण ने कई राक्षसों, जानवरों और लोगों को बारिश से बचाया और गोवर्धन पर्वत को हरा-भरा कर दिया। उस समय कृष्ण की आयु 7 वर्ष 2 महीने 10 दिन थी और गोवर्धन की घटना ईसवी सन् में हुई थी। यह 28 अगस्त 3222 ईसा पूर्व की रात को हुआ था।
व्रज लीला के अंत में, कृष्ण ने मथुरा में प्रवेश करने और अपने मामा कंस द्वारा किए गए अत्याचारों को समाप्त करने का फैसला किया। है। 14 दिसंबर 3218 ईसा पूर्व (शिव रात्रि) को, भगवान कृष्ण ने कंस को मार डाला और 11 वर्ष और 6 महीने की उम्र में मथुरा लीला शुरू की। भगवान कृष्ण द्वारा निर्देशित दावंद युद्ध में भीम ने जरासंध को हराकर मार डाला। भीम सेन और जरासंध के बीच दावंद युद्ध का युद्ध ई.पू. में हुआ था। 17 सितंबर 3154 को शुरू हुआ और 14 दिन और रात तक चला। 11 फरवरी 3153 ईसा पूर्व, 75 वर्ष और 8 महीने की उम्र में, चैत्री पूर्णिमा के दिन, कृष्ण ने सभी राजाओं के सामने राजसूय यज्ञ के दौरान शिशुपाल का वध किया। अज्ञात प्रवास पूरा करने के बाद, ई.एस. 15 मई 3140 ईसा पूर्व (आषाढ़ी पूर्णिमा) को, पांडव राजा विराट के दरबार में उपस्थित हुए। 6 महीने के बाद, जब कृष्ण के मध्यस्थता के प्रयास विफल हो गए, तो ई.पू. में कुरुक्षेत्र युद्ध छिड़ गया। नवंबर का महीना 3139 ईसा पूर्व में शुरू हुआ। महाभारत युद्ध के पहले दिन भगवान कृष्ण 89 वर्ष के थे और अर्जुन 88 वर्ष के थे। कुरुक्षेत्र युद्ध 18 दिनों में दुर्योधन की मृत्यु के साथ समाप्त हो गया।
दो महीने बाद, 5 फरवरी 3139 ईसा पूर्व (चैत्र पूर्णिमा) को युधिष्ठिर द्वारा अश्वमेध यज्ञ शुरू किया गया।
37 साल बाद, श्री कृष्ण की मृत्यु वर्ष ईसवी में हुई। गुरुवार की शाम, 23 जनवरी, 3102 ईसा पूर्व, एक शिकारी का तीर उनके पैर में लगा। उस शिकारी ने 24 जनवरी 3102 को 02 घंटे 27 मिनट पर अपना भौतिक शरीर छोड़ दिया। अगला सूर्योदय शुक्रवार को हुआ, चंद्रमा अश्विनी नक्षत्र में था, शुद्ध पद्यमी (चैत्र महीने का पहला दिन) का दिन था। जूलियन कैलेंडर के अनुसार, यह तिथि 18 फरवरी 3102 ईसा पूर्व है।
इस प्रकार भगवान कृष्ण पृथ्वी पर 125 वर्षों तक रहे,
5. श्रीकृष्ण से जुड़े रोचक तथ्य
✔️ श्रीकृष्ण 125 वर्षों तक जीवित रहे, जो किसी भी मानव जीवनकाल से अधिक था।
✔️ उन्होंने कभी बुढ़ापा महसूस नहीं किया।
✔️ महाभारत युद्ध के समय वे लगभग 90 वर्ष के थे, लेकिन फिर भी युवा और शक्तिशाली थे।
✔️ उनका निधन प्राकृतिक नहीं था, बल्कि यह नियति का एक भाग था।
✔️ द्वारका समुद्र में डूब गई, जिसे "खोई हुई द्वारका" कहा जाता है।
6. अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. श्रीकृष्ण कितने साल तक जीवित रहे?
भगवान श्रीकृष्ण 125 वर्ष तक जीवित रहे।
2. श्रीकृष्ण की मृत्यु कैसे हुई?
एक शिकारी जरा ने गलती से तीर मार दिया, जिससे उन्होंने अपना भौतिक शरीर त्याग दिया।
3. श्रीकृष्ण की उम्र महाभारत युद्ध के समय कितनी थी?
महाभारत युद्ध के समय श्रीकृष्ण लगभग 90 वर्ष के थे।
4. क्या श्रीकृष्ण पुनः जन्म लेंगे?
भविष्य पुराण के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण कल्कि अवतार के रूप में पुनः प्रकट होंगे।
5. क्या श्रीकृष्ण की मृत्यु के बाद द्वारका बची रही?
नहीं, द्वारका समुद्र में समा गई।
6. क्या श्रीकृष्ण आज भी जीवित हैं?
हाँ, वे अपने आध्यात्मिक स्वरूप में सदैव विद्यमान हैं।
7. निष्कर्ष
भगवान श्रीकृष्ण 125 वर्षों तक जीवित रहे और उन्होंने मानवता को धर्म, नीति और प्रेम का संदेश दिया।
➡️ वे सिर्फ एक ऐतिहासिक व्यक्तित्व नहीं थे, बल्कि सनातन धर्म के आधार स्तंभ थे।
➡️ उनका जीवन और उनकी शिक्षाएँ आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।
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