हमारे देशमे कुल 14 राष्ट्रपति हो चूके है। जो 1950 से 2022 तक है। पहेल उनके नाम जान लेते है।
1. डॉ. राजेंद्र प्रसाद (26 जनवरी, 1950 , 13 मई, 1962)
2. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (13 मई, 1962, 13 मई, 1967)
4. डॉ जाकिर हुसैन (13 मई 1967 , 3 मई 1969 )
6. वराहगिरी वेंकट गिरि ( 3 मई, 1969 ,20 जुलाई, 1969) कार्यवाहक राष्ट्रपति थे
8. मोहम्मद हिदायतुल्ला (20 जुलाई 1969 , 24 अगस्त 1969 )कार्यवाहक राष्ट्रपति थे।
9. वराहगिरी वेंकट गिरि ( 24 अगस्त, 1969 , 24 अगस्त, 1974 )
10. फखरुद्दीन अली अहमद (24 अगस्त 1974 ,11 फरवरी 1977)
11. बासप्पा दनप्पा जट्टी ( 11 फरवरी, 1977, 25 जुलाई, 1977 )
12. नीलम संजीव रेड्डी ( 25 जुलाई, 1977 ,25 जुलाई, 1982 )
13. ज्ञानी जैल सिंह ( 25 जुलाई, 1982, 25 जुलाई, 1987 )
14. रामास्वामी वेंकटरमन ( 25 जुलाई 1987, 25 जुलाई 1992 )
15. शंकर दयाल शर्मा ( 25 जुलाई, 1992, 25 जुलाई, 1997 )
16. कोचेरिल रमन नारायणन ( 25 जुलाई, 1997, 25 जुलाई, 2002 )
17. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ( 25 जुलाई 2002 , 25 जुलाई 2007 )
18. प्रतिभा पाटिल ( 25 जुलाई, 2007 , 25 जुलाई, 2012)
19. प्रणब मुखर्जी ( 25 जुलाई, 2012 , 25 जुलाई, 2017 )
20. श्री राम नाथ कोविंद( 25 जुलाई, 2017.. अब तक)
अब इनमेसे सबसे शौकीन राष्ट्रपति कोने से है और उनके कारनामे देखते है ।
👉 प्रतिभा पाटिल जी को विश्व भ्रमण का शौक बहुत ही ज्यादा था इतना ज्यादा की उन्होंने अपने कार्यकाल में 12 विदेश यात्राएं की और 22 देशो में गयी वो भी सिर्फ़ 5 साल के भीतर । विदेश यात्राकरने में कोई बुराई नही थी लेकिन उनके इस शौक को पूरा करने में भारत सरकार को 205 करोड़ रुपयों का खर्चा हुआ... हमे तो उनसे प्रॉब्लम है।
👉 प्रतिभा जी का दिल तो दया का सागर था इस सबको लगता था , अपने कार्यकाल समाप्त होने से पहले प्रतिभाजीने 35 लोगो की सजाये मौत को माफ़ कर दिया। हमे उस बात से प्रॉबल्म नही थी बल्कि वो सभी लोग बलात्कारी, हत्यारे और अपहरणकर्त्ता शामिल थे।
👉 प्रतिभा जी एक पथ प्रदर्शक भी थी अपने कार्यकाल की समाप्ति के बाद 2,60,000 स्क्वायर फ़ीट में सरकारी जगह को घेर कर बंगले का निर्माण करवाया गया।आपको यह बता दूँ की यह ज़मीन सेना की विधवाओं के लिए थी। जो की सबसे बुरा कारनामा है।
👉 प्रतिभा जी ने अपनी खुद की तनख़्वा में 300 प्रतिशत की वृद्धि की। यानी की अगर हमारे राष्ट्रपतिकी income 5,00,000 ₹ है तो 15,00,000 हो जाएगी ।
👉 अपने कार्यकाल की समाप्ती पर जो पिछले राष्ट्रपतियों रहा चुके है उनको जो भी वस्तुएं (उपहार / ट्रॉफी / सम्मानजनक वस्तुएँ ) अन्य देशो और भारत में कहीं से भी मिली थी उनको ट्रक में भर कर ले गई थी । ऐसा करने के बाद उभारत में राष्ट्रपति म्यूज़ियम बनाने का फैसला लिया गया । आज आप आज राष्ट्रपति भवन में देख सकते है । वो राष्ट्रपति म्यूजियम ही है।
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