महात्मा गांधी के अज्ञात और अनसुने रोचक तथ्य – जो शायद ही किसी को पता हों!
महात्मा गांधी के बारे में बहुत कुछ लिखा और कहा गया है, लेकिन कुछ ऐसे अनसुने और दुर्लभ तथ्य भी हैं जो शायद ही किसी को पता हों। इस लेख में हम उन्हीं गुप्त तथ्यों को साझा करेंगे जो सामान्यत: इतिहास की किताबों में नहीं मिलते।
1. गांधीजी को हाथ से बनी घड़ियाँ पसंद थीं
गांधीजी सटीक समय के बहुत पाबंद थे, और हमेशा अपनी कलाई पर एक घड़ी पहनते थे। लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनकी पसंदीदा घड़ी एक हाथ से बनी हुई "Ingersoll" ब्रांड की घड़ी थी। यह घड़ी उनके लिए इतनी महत्वपूर्ण थी कि जब एक बार चोरी हो गई, तो उन्होंने चोर को माफ कर दिया और उसे घड़ी रखने की अनुमति दी।
2. गांधीजी का पहला भाषण असफल रहा था!
लोग गांधीजी को महान वक्ता मानते हैं, लेकिन उनका पहला सार्वजनिक भाषण एकदम असफल रहा था। जब उन्होंने लंदन में वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत में पहला केस लिया, तो अदालत में वे घबराहट के कारण ठीक से बोल ही नहीं पाए और केस हार गए।
3. महात्मा गांधी के पास पत्रकारिता का अनुभव था!
गांधीजी ने केवल राजनीति और स्वतंत्रता संग्राम में ही नहीं, बल्कि पत्रकारिता में भी हाथ आजमाया था। उन्होंने "इंडियन ओपिनियन" नामक एक समाचार पत्र की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका में की थी, जो पूरी तरह से स्वतंत्रता संग्राम के सिद्धांतों पर आधारित था।
4. उन्हें "महात्मा" शब्द पसंद नहीं था!
गांधीजी को यह उपाधि रवींद्रनाथ टैगोर ने दी थी, लेकिन गांधीजी को यह उपाधि बिल्कुल पसंद नहीं थी। उन्होंने कई बार कहा कि "मैं खुद को महात्मा नहीं मानता, मैं सिर्फ एक साधारण इंसान हूं।"
5. गांधीजी को बंगाली भाषा बहुत पसंद थी!
गांधीजी को हिंदी, गुजराती और अंग्रेज़ी के अलावा बंगाली भाषा भी बहुत पसंद थी। वे रवींद्रनाथ टैगोर के कार्यों से बहुत प्रभावित थे और बंगाली भाषा सीखने की कोशिश भी की थी।
6. गांधीजी ने सिनेमा को "अश्लीलता का अड्डा" कहा था!
गांधीजी फिल्मों को ज्यादा पसंद नहीं करते थे और उन्होंने एक बार कहा था कि "सिनेमा एक ऐसी चीज़ है जो समाज में नैतिकता को खत्म कर सकती है।" हालांकि, बाद में उन्होंने यह स्वीकार किया कि अगर सिनेमा का सही उपयोग किया जाए, तो यह समाज के लिए लाभकारी हो सकता है।
7. गांधीजी के खिलाफ ब्रिटिश पुलिस ने एक बार गिरफ़्तारी का वारंट निकालने से मना कर दिया था!
जब गांधीजी दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह आंदोलन चला रहे थे, तब एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी ने गिरफ़्तारी का वारंट जारी करने से मना कर दिया। उसका कहना था कि "यह आदमी बहुत बड़ा क्रांतिकारी नहीं, बल्कि एक साधारण संत जैसा दिखता है।"
8. गांधीजी का पहला सत्याग्रह आंदोलन भारत में नहीं, बल्कि दक्षिण अफ्रीका में हुआ था!
अक्सर लोग सोचते हैं कि गांधीजी ने पहला सत्याग्रह भारत में किया, लेकिन वास्तव में उन्होंने सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में 1913 में भारतीय मजदूरों के अधिकारों के लिए आंदोलन चलाया था।
9. गांधीजी के कपड़े पहनने की वजह एक घटना थी!
गांधीजी शुरुआत में सूट-बूट पहनते थे, लेकिन जब उन्होंने भारत के गांवों में जाकर देखा कि लोग गरीबी के कारण पूरे कपड़े नहीं पहन पाते, तो उन्होंने सादा धोती पहनने का संकल्प लिया और जीवन भर उसी वेशभूषा में रहे।
10. गांधीजी को हिटलर ने पत्र लिखा था!
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, एडोल्फ हिटलर ने गांधीजी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उनसे ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ सहयोग मांगा गया था। लेकिन गांधीजी ने इसका जवाब नहीं दिया क्योंकि वे अहिंसा के मार्ग पर चल रहे थे।
11. गांधीजी को "राष्ट्रपिता" की उपाधि आधिकारिक रूप से नहीं दी गई!
गांधीजी को "राष्ट्रपिता" कहा जाता है, लेकिन भारत सरकार ने उन्हें आधिकारिक रूप से यह उपाधि कभी नहीं दी। यह उपाधि सबसे पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 1944 में एक रेडियो प्रसारण के दौरान दी थी।
12. गांधीजी कभी भी भारत सरकार के किसी पद पर नहीं रहे!
गांधीजी भारत के सबसे बड़े नेता थे, लेकिन उन्होंने कभी भी किसी सरकारी पद को स्वीकार नहीं किया, न ही प्रधानमंत्री, न राष्ट्रपति, और न ही कोई अन्य पद।
13. गांधीजी के नाम पर सबसे ज्यादा सड़कें हैं!
दुनिया में गांधीजी के नाम पर सबसे ज्यादा सड़कें हैं। भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिण अफ्रीका, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और रूस में भी उनके नाम पर कई सड़कें हैं।
14. गांधीजी को एक बार ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया था!
गांधीजी को दक्षिण अफ्रीका में ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया था, क्योंकि उन्होंने केवल गोरों के लिए आरक्षित सीट पर बैठने की हिम्मत की थी। इसी घटना ने उन्हें सत्याग्रह आंदोलन शुरू करने के लिए प्रेरित किया।
15. गांधीजी को अपने दांतों की बहुत चिंता थी!
गांधीजी के पास केवल एक ही सेट टूथब्रश था, जिसे वे हमेशा अपने पास रखते थे। वे हमेशा दांतों की सफाई का खास ध्यान रखते थे और सुबह-शाम नीम की दातून का इस्तेमाल करते थे।
निष्कर्ष (Conclusion)
महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े ये अनसुने तथ्य बताते हैं कि वे न केवल एक महान नेता थे, बल्कि सादगी, अनुशासन और आदर्शों के प्रतीक भी थे। उनके जीवन का हर पहलू हमें सत्य और अहिंसा की राह पर चलने की प्रेरणा देता है।
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- महात्मा गांधी के अनसुने तथ्य
- गांधीजी से जुड़ी रोचक बातें
- महात्मा गांधी का जीवन
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- महात्मा गांधी के गुप्त तथ्य
"महात्मा गांधी के ऐसे अनसुने तथ्य जो शायद ही किसी को पता हों! जानिए उनके जीवन के दुर्लभ और रोचक पहलू।"
क्या आपको ये तथ्य पहले से पता थे? कौन सा तथ्य आपको सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक लगा?
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