सोमनाथ मंदिर में भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग है। ये मंदिर १२ ज्योतिर्लिंग मेसे सबसे पहला बना ज्योतिर्लिंग है।आपको लगता है तो ज्योतिर्लिंग का मतलब क्या है ? तो उसका जवाब है , जहा भगवान शिव स्वंय प्रगट हुए हो उसे ज्योतिर्लिंग कहते है।
* सोमनाथ मंदिर कहा है ?
सोमनाथ मंदिर भारत देश के गुजरात राज्य में गिर सोमनाथ जिले के वेरावल बंदरगाह में है। वर्तमान में जो आपको सोमनाथ मंदिर दिखाई दे रहा है, वो सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा आज़ादी के बाद बनवाया है।
* सोमनाथ मंदिर की स्थापना किसने की थी ?
सोमनाथ मंदिर की स्थापना हिन्दू ग्रंथ के अनुसार स्वयं चन्द्रमा ने की थी।
* चन्द्रमाने सोमनाथ मंदिर की स्थापना क्यों की गई ?
कथाओँ में ऐसा बताया गया है की दक्षप्रजापति 27 पुत्रीओ का विवाह चन्द्रमा से हुआ था। लेकिन उन सब मेसे चन्द्रमा सिर्फ रोहिणी से ज्यादा प्रेम करता था , इसलिए बाकि पुत्रीओ ने उसके पिता से शिकायत की। उनके पिता समझाया फिर भी चन्द्रमा माने नहीं और आखिर में दक्षप्रजापति ने चन्द्रमा को श्राप दे दिया कि की अब से हर दिन तुम्हारा तेज़ (चमक) कम होता जाएगा।
चन्द्रमाने घबराकर भगवान शिव की आराधना करने लगा। भगवान शिव ने प्रशन्न हो कर इस श्राप का तोड़ निकला। भगवान शिव कहा अब से तुम 15 तक तेज कम होता जायेगा और उसके 15 दिन बाद तेज बढ़ता रहेगा।
जब श्राप का निवारण हुआ तो चन्द्रमा ने सोने का मंदिर बनाया , और बाद में ये मंदिर सोमनाथ मंदिर प्रख्यात हुआ।
अब बात करते है सोमनाथ मंदिर के इतिहास के बारे में।
* सोमनाथ मंदिर कहा है ?
सोमनाथ मंदिर भारत देश के गुजरात राज्य में गिर सोमनाथ जिले के वेरावल बंदरगाह में है। वर्तमान में जो आपको सोमनाथ मंदिर दिखाई दे रहा है, वो सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा आज़ादी के बाद बनवाया है।
सोमनाथ मंदिर की स्थापना हिन्दू ग्रंथ के अनुसार स्वयं चन्द्रमा ने की थी।
* चन्द्रमाने सोमनाथ मंदिर की स्थापना क्यों की गई ?
कथाओँ में ऐसा बताया गया है की दक्षप्रजापति 27 पुत्रीओ का विवाह चन्द्रमा से हुआ था। लेकिन उन सब मेसे चन्द्रमा सिर्फ रोहिणी से ज्यादा प्रेम करता था , इसलिए बाकि पुत्रीओ ने उसके पिता से शिकायत की। उनके पिता समझाया फिर भी चन्द्रमा माने नहीं और आखिर में दक्षप्रजापति ने चन्द्रमा को श्राप दे दिया कि की अब से हर दिन तुम्हारा तेज़ (चमक) कम होता जाएगा।
चन्द्रमाने घबराकर भगवान शिव की आराधना करने लगा। भगवान शिव ने प्रशन्न हो कर इस श्राप का तोड़ निकला। भगवान शिव कहा अब से तुम 15 तक तेज कम होता जायेगा और उसके 15 दिन बाद तेज बढ़ता रहेगा।
जब श्राप का निवारण हुआ तो चन्द्रमा ने सोने का मंदिर बनाया , और बाद में ये मंदिर सोमनाथ मंदिर प्रख्यात हुआ।
अब बात करते है सोमनाथ मंदिर के इतिहास के बारे में।
सोमनाथ मंदिर का इतिहास | History Of Somanath Temple
* सोमनाथ मंदिर सबसे पहले चन्द्रमा ने बनाया था ऐसा कथाओ में कहा जाता है, और इसका प्रमाण ऋग्वेद में है।
* सर्वप्रथम एक मंदिर ईसा के पूर्व में अस्तित्व में था जिस जगह पर द्वितीय बार मंदिर का पुनर्निर्माण सन 649 में वलभी के मैत्रक राजाओ ने इसे फिर से बनाया था।
* सन 725 में सिंध के मुस्लिम सूबेदार अल जुनैद ने तुड़वा दिया।
* सन 815 में प्रतिहार राजा नागभट्ट ने सोमनाथ मंदिर को दुबारा बनवाया था।
~ सोमनाथ मंदिर की अपनी धन सम्पदा के कारन काफी दूर दूर तक प्रसिद्धि फेल चुकी थी।
* सन 1024 में महमूद ग़ज़नवी ने अपने 5 हज़ार साथियों के साथ सोमनाथ मंदिर पर हमला कर दिया और उस वक्त करीब 25 हज़ार लोगों को महमूद गजनवी के साथिओने कत्ल करके मंदिर की सारी धन – दौलत लूट के अपने साथ ले गया।
* महमूद ग़ज़नवी के हमला करने के बाद सोलंकी वंश के राजा भीमदेव और मालवा के राजा भोज ने फिर से बनवाया।
* सन 1168 में कुमारपाल और राजा खंगार ने सोमनाथ का सौंदर्यीकरण करवाया था।
* सन 1297 में दिल्ली के सुलतान अलाउदीन खिलजी के सेनापति उलूखखान और नुसरत खान ने गुजरात पर हमला कर दिया और सोमनाथ मंदिर को दुबारा तोड़ दिया और पवित्र शिवलिंग को खंडित कर दिया।
~ इस तरह हिन्दू राजाओ ने मंदिर बनवाते गए और कोई न कोई राजा उसे तोड़ देते थे।
* सन 1395 गुजरात के सुलतान मुजफ्फरशाह ने सोमनाथ मंदिर को लूट लिया।
* सन 1413 में सुलतान मुजफ्फरशाह के पुत्र अहमदशाह ने वही किया।
* सन 1665 में बादशाह औरग़ज़ेब ने सोमनाथ मदिर को तोड़ दिया।
* सन 1706 में जब लोग फिर से सोमनाथ मंदिर पूजा अर्चना करने लगे तो फिर से बादशाह औरग़ज़ेब ने सोमनाथ मदिर को तोड़ दिया।
* सन 1783 में रानी अहिल्याबाई द्वारा मूल सोमनाथ मन्दिर से कुछ ही दूरी पर पूजा-अर्चना के लिए सोमनाथ महादेव का एक और मंदिर बनवाया गया।
* सन 1950 सरदार वल्लभभाई पटेल ने पुन निर्माण करवाया।
* सन 1951 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा सोमनाथ मंदिर में ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई।
तो दोस्तों, आपको ये सोमनाथ मंदिर का इतिहास जानकर कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताये।
* सन 1168 में कुमारपाल और राजा खंगार ने सोमनाथ का सौंदर्यीकरण करवाया था।
* सन 1297 में दिल्ली के सुलतान अलाउदीन खिलजी के सेनापति उलूखखान और नुसरत खान ने गुजरात पर हमला कर दिया और सोमनाथ मंदिर को दुबारा तोड़ दिया और पवित्र शिवलिंग को खंडित कर दिया।
~ इस तरह हिन्दू राजाओ ने मंदिर बनवाते गए और कोई न कोई राजा उसे तोड़ देते थे।
* सन 1395 गुजरात के सुलतान मुजफ्फरशाह ने सोमनाथ मंदिर को लूट लिया।
* सन 1413 में सुलतान मुजफ्फरशाह के पुत्र अहमदशाह ने वही किया।
* सन 1665 में बादशाह औरग़ज़ेब ने सोमनाथ मदिर को तोड़ दिया।
* सन 1706 में जब लोग फिर से सोमनाथ मंदिर पूजा अर्चना करने लगे तो फिर से बादशाह औरग़ज़ेब ने सोमनाथ मदिर को तोड़ दिया।
* सन 1783 में रानी अहिल्याबाई द्वारा मूल सोमनाथ मन्दिर से कुछ ही दूरी पर पूजा-अर्चना के लिए सोमनाथ महादेव का एक और मंदिर बनवाया गया।
* सन 1950 सरदार वल्लभभाई पटेल ने पुन निर्माण करवाया।
* सन 1951 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा सोमनाथ मंदिर में ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई।
तो दोस्तों, आपको ये सोमनाथ मंदिर का इतिहास जानकर कैसा लगा हमें कमेंट करके जरूर बताये।
No comments: